बस कंडक्टर ने मेरी रसीली चूत में मोटा लंड डाला

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by 007, Aug 19, 2017.

  1. 007

    007 Administrator Staff Member

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    sex story हेलो दोस्तों मैं आरती आप सभी का इंडियन सेक्स कहानी में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मेरा घर आगरा में है। मेरा फिगर 36-28-30 का है। कई लड़के मेरे जवानी के दीवाने हैं। कुछ को तो मेरे चूत के दर्शन हो भी गए हैं। मेरे मम्मे बहुत ही गोल और मुलायम है और बिलकुल गुब्बारे की तरह फूले फूले लगते है। मेरे ओंठ बिल्कुल संतरे जैसे है जिन्हें चूसने में लड़को को बहुत मजा आता है। मेरी गांड काफी निकली हुई है। जिसको देखकर लड़को के लंड में हलचल मच जाती है। मेरी चूत बहुत ही चिकनी है बिल्कुल मक्खन की तरह मेरी रसीली चूत है। मेरी चूत बहुत ही रसभरी है। सब इसका रस पी जाते हैं। मै भी बड़े लंड़ से ही चुदवाना पसंद करती हूँ। मैं बहुत ही अच्छे घर की लड़की हूँ। मै देखने में बेहद खूबसूरत हूँ जिससे लड़को की लाइन लगी होती है। मैं जहाँ भी जाती हूँ लड़के तो मेरे पीछे ही पड़ जाते हैं। मै मस्त लड़को को देखकर लाइन चूत देने लगती हूँ। मुझे भी लड़को की बड़ा, मोटा और तना हुआ लंड बहुत पसंद है। मै लड़को की अच्छी पर्सनालिटी पर फ़िदा हो जाती हूँ और मेरा मन चुदवाने के लिए मचलने लगता है। मैंने बहुत से बॉयफ्रेंड बनाये हैं। उनसे खूब चुदवाया है। उनका मोटा लंड चूत में खाया है लेकिन चुदाई की ये प्यास कभी खत्म होने का नाम ही नहीं लेती है। मैंने अब तक कई बार चुदवाया है और अब तो सुबह शाम, रात और दिन हमेशा ही मेरा चुदाने का दिल करता रहता है। यह स्टोरी आप इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है

    आज अपनी सेक्सी स्टोरी सूना रही हूँ। मैंने बस में अक्सर चढ़ जाया करती थी और जहाँ कहीं भी जाना होता था वहाँ चली जाती थी। पर मैं कभी भी किराया नही देती थी। एक तो मेरा यू पी के बस कंडक्टर और ड्राईवर से जुगाड़ था और उपर से मैंने विकलांग वाला जाली पास भी एक जुगाड़ से बनवा लिया था। इसलिए मुझे कभी भी पैसे नही देने पड़ते थे। मुझे जब भी आगरा से दिल्ली, मथुरा, हाथरस, फिरोजाबाद या किसी दूसरे शहर जाना होता था मैं बिना बस का किराया चुकाए चली जाती थी। ऐसी ही एक बार मैं हाथरस जा रही थी। जैसे ही मैं बस में बैठी मैंने देखा की उसका बस कंडक्टर एक गबरू जवान 25 साल का लड़का था। मेरी ही उम्र का था। कुछ देर बाद जब बस भर गयी तो बस चल पड़ी। बस कंडक्टर (वो जवान लड़का) सारे यात्रियों की सीट पर आने लगा और टिकट काटने लगा। मैंने पीछे वाली सीट पर बैठी थी बस कंडक्टर मेरे पास आया।
    "मैडम टिकट??" वो बोला
    "पास है" मैंने कहा और उसे पास दिखाया। मेरा पैर 40% खराब था, पास में लिखा था।
    "ओ हो हो हो..मैडम तुम देखने में तो बिलकुल फिट फाट लग रही हो। मुझे तो लग रहा है की तुम्हारा यो पास जाली है। आओ जरा चल के तो दिखाओ" बस कंडक्टर बोला और उसने बस रुकना दी। दोस्तों मेरे पास किराया भी नही था।
    "सुनो पैसे तो मेरे पास है नही। मुझे हाथरस जाना है अपनी चाची के घर। कुछ ले लो और छोड़ दो" मैंने उस हैंडसम बस कंडक्टर को आंख मारी। वो मेरी बात समझ गया।
    "चूत दोगी मैडम???" उसने बड़ी धीरे से कहा क्यूंकि वहां और यात्री बस में बैठे थे।
    "दूंगी" मैंने भी धीरे से कहा




    उसके बाद उसने ड्राईवर को "चलो." कहा और चला गया। फिर हम एक दूसरे को देखने लगे। जब उसने सारे यात्रियों का टिकट बना लिया तब वो आराम से अपनी सीट पर जाकर बैठ गया। वो मुझे ही देखे जा रहा था। मैं भी उसे ताक रही थी। करीब 4 घंटे तक हम दोनों एक दूसरे को ताड़ रहे थे। वो मुझे चोदकर किराया वसूल करने वाला हूँ। मैं भी चुदने को तैयार थी। काफी नैन मटक्का के बाद एक हाल्ट पड़ा। वहां पर सारे यात्री लंच करने के लिए उतरे। बस का ड्राईवर भी नीचे उतर गया। मैं जानता ही की वो ठरकी और चुदासा बस ड्राईवर अब मेरी चूत में अपना मोटा लंड डाल देगा और मुझे चोदेगा। फिर उसने बस का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और मेरे पास आ गया। बस में काले शीशे थे इसलिए किसी बात की टेंशन नही थी। वो मेरे पास आकर बैठ गया। फिर उसने मुझे पकड़ लिया और होठो पर किस करने लगा। मैं भी चुदासी हो रही थी इसलिए मैं भी उसे किस करने लगी। वो काफी हॉट और सेक्सी लड़का था। ये कहानी आप इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
    धीरे धीरे वो मेरे सलवार सूट के उपर से मेरे 36" के बूब्स को दबाने लगा। मुझे काफी मजा आ रहा था। वो मुझे किस भी कर रहा था और मेरे बूब्स सूट के उपर से दबा रहा था। मुझे उससे प्यार हो गया था।
    "आओ मैडम.पीछे चलते है" बस कंडक्टर बोला और मुझे सबसे पीछे वाली सीट पर ले गया। वो सीट बहुत लम्बी थी। मैं आराम से उसपर लेट गयी। बस कंडक्टर मेरे उपर लेट गया। मैंने जल्दी से अपना सूट उपर किया। फिर अपनी ब्रा को मैंने उचका दिया। अब मेरे दोनों 36" के शानदार दूध बाहर निकल आये। फिर उसने मेरे सलवार का नारा खोल दिया और निकाल दी। फिर उसने मेरी ब्रा खोल कर निकाल दी और पेंटी उतार के मुझे पूरी तरह से नंगा कर दिया था। बस कनडक्टर ने अपनी पेंट निकाल दी। उनका लौड़ा 10" लम्बा और 2 इंच मोटा था। मैंने देखा तो मेरी जवानी खिल सी गयी। उसके हट्टे कट्टे लौड़े से मुझे इश्क हो गया था। बस कनडक्टर मेरे उपर लेट गया और उसने मुझे बाहों में कस लिया। मेरे जिस्म के हर हिस्से पर वो किस कर रहा था। मेरे गाल, माथे, आँखें, कंधे, पेट, पैरों, सब जगह पर किस करने लगा। मैं उसको बहुत सेक्सी और हॉट माल लग रही थी।


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    बस कनडक्टर ने मुझे कसके पकड़ लिया और हर जगह चूमने लगा। मैं उसके सीने पर हर जगह चुम्मी ले रही थी। उसके हाथ मेरे नंगे चूतडों को बड़े प्यार और दुलार से सहला रहे थे। साफ था की वो भी आज कसके मेरी चूत मारना चाहता था। मैं आज उससे अपनी बुर फड़वा लेना चाहती थी। बहुत देर तक वो मेरे जिस्म के हर हिस्से को चूमता और सहलाता रहा। फिर वो मेरे 36" के बहुत बड़े बड़े दूध पीने लगा। मुझे तो स्वर्ग जैसा महसूस हो रहा था। बस कनडक्टर के पंजे मेरे दूध को कस कसके दबाए जा रहे थे। वो भी मजा ले रहा था और मुझे भी मजे दे रहा था। दोस्तों मेरी चूचियां तो बहुत ही सुंदर, चिकनी, बड़ी बड़ी और गोल गोल थी। वो तेज तेज मेरे आमो को दबा रहा था। मैं "ओहह्ह्ह.ओह्ह्ह्ह आआआअह्हह्हह.अई..अई. .अई. उ उ उ उ उ." की आवाज निकालने लगी। वो तेज तेज मेरे दोनों दूध दबाने लगा। फिर मुंह में लेकर पीने लगा। मेरी चिकनी चूचियों पर उसका मुंह बार बार फिसल जाता था। वो जल्दी जल्दी मेरे दोनों आम पीने लगा। आज जाकर मुझे शांति मिली थी। बस कनडक्टर मेरे दूध पी रहा था। दोस्तों मेरी बलखाती चूचियां तो गर्व से तनी हुई थी और उसे बहुत रोमांचित कर रही थी। वो तो अपनी आँखें बंद करके मेरी दोनों रसीली और गर्वीली चूचियों को चूस रहा था। साफ़ था की उसे मैं बहुत हॉट और सेक्सी माल लग रही थी। ये कहानी आप इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
    बस कनडक्टर ने मेरे पैर खोल दिए और लंड चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगा। मैं मजे से "ओह्ह माँ..ओह्ह माँ.उ उ उ उ उ..अअअअअ आआआआ.." करके चुदवाने लगी। बस कनडक्टर के मोटे लौड़े से मेरी चूत सिकुड़ गयी थी। बड़ी कसी कसी नशीली रगड़ थी वो। चुदते चुदते मेरे पेट में मरोड़ उठने लगी। इसके साथ ही मेरे बदन में बड़ी अजीब सुखद लहरें उठने लगी, जो मेरी चुदती चूत से उठ रही थी और पूरे बदन में फ़ैल रही थी। मैं फटर फटर करके चुदवा रही थी। बस कनडक्टर को कुछ समझाने की जरुरत नही थी। वो सब जानता था। किसी तेज तर्रार लडके की तरह वो मेरे साथ संभोग कर रहे था। यह स्टोरी आप इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है


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    कुछ देर बाद वो बहुत जादा चुदासा हो गया और बिना रुके किसी मशीन की तरह मेरी चूत मारने लगा। मैं "...उई. .उई..उई...माँ..ओह्ह्ह्ह माँ..अहह्ह्ह्हह." करके जोर जोर से चिल्लाने लगी। फटर फटर करके उसकी कमर मेरी कमर से टकरा रही थी। चट चट की आवाज बज रही थी। बस कनडक्टर मेरी छातियों को जोर जोर से मीन्जने, दबाने और मसलने लगा। मेरी चूत गीली हो गयी। बस कनडक्टर का लौड़ा सट सट करके मेरी चूत ले रहा था। वहीँ मेरे पेट में मरोड़ उठ रही थी। इसके साथ ही आनंद की सुखद लहरे चूत से लगातार उठ रही थी। इस गजब की उतेजना के दौर में बस कनडक्टर ने चट चट मेरे गाल पर २ - ४ थप्पड़ भी जड़ दिए। मेरे दिमाग में बड़ी जोर की यौन उत्तेजना होनी लगी। मेरे जिस्म की रग रग में, एक एक नश में खून फुल रफ्तार से दौड़ने लगा। मैं चुदने लगी। बस कनडक्टर का मजबूत लौड़ा खाने लगी। मैं संभोहरत हो गयी, चुदवाने लगी। बस कनडक्टर तेंदुलकर की तरह मेरी चूत में बैटिंग करने लगा। मेरा चेहरा तमतमा गया। बस कनडक्टर का मस्त बड़ा सा लौड़ा खटर खटर करके मेरी चूत में दौड़ने लगा। मैं जोशा गयी।"..ओह्ह्ह्ह फक मी हार्डर.ओह्ह्ह यससससस..कमोंन फक मी हार्ड!! ओह्ह माय गॉड.यससससससस यस!!" मैंने उत्तेजना में चुदवाते चुदवाते हुए कहा। बस कनडक्टर बहुत जोर जोर से मुझे पेलने लगा। मेरा पूरा चेहरा तमतमा गया। मेरे कान, नाक, आंख, स्तकन, भगोष्ठउ व योनि की आंतरिक दीवारें फुल गयी। मेरी चुद्दी से फूलकर उसका लौड़ा कसके किसी चिमटे की तरह जकड़ लिया। मेरा भंगाकुर का मुंड नीचे की तरफ धस गया। मेरी धड़कने बढ़ गयी। मेरी चूत अच्छे से चुदने लगी। चूत की दिवाले योनी पथ पर अपना तरल पदार्थ चोदने लगी। इस चिकने मक्खन से मेरी चूत और भी जादा चिकनी और फिसलन भरी हो गयी। बस कनडक्टर का लौड़ा मेरी चूत के छेद में खटर खटर करके फिसलने लगा जैसे किसी कोयले की अँधेरी खदान में काम कर रहा हो। वो मुझे किसी रंडी की तरह चोदने लगे। 15 मिनट बाद वो मेरे भोसड़े में ही झड़ गया। यह स्टोरी आप इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है


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