पति और उनके दोस्त से दो दो लंड एक साथ खाया

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by 007, Nov 20, 2017.

  1. 007

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    हाय फ्रेंड्स, आप लोगो का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में स्वागत है। मैं रोज ही इसकी सेक्सी स्टोरीज पढ़ती हूँ और आनन्द लेती हूँ। आप लोगो को भी यहाँ की सेक्सी और रसीली स्टोरीज पढने को बोलूंगी। मेरा नाम अम्बालिका दास है। आज फर्स्ट टाइम आप लोगो को अपनी कामुक स्टोरी सुना रही हूँ। कई दिन से मैं लिखने की सोच रही थी। अगर मेरे से कोई गलती हो तो माफ़ कर देना।
    मैं राजस्थान में अभी अपने पति के साथ अलवर शहर में रह रही हूँ। आपको अपने बारे में कुछ निजी बाते बता देती हूँ। मैं काफी सेक्सी औरत हूँ और जितना भी चुदाई कर लूँ मुझे कम ही लगता है। शायद मेरे जिस्म में सेक्स हारमोंस कुछ जादा ही है। अभी मेरी उम्र सिर्फ 24 साल की है। आप लोग समझ सकते है की एक भारतीय खूबसूरत 24 साल की लड़की कितनी चुदासी और गर्म होती है। उसी तरह से मेरा भी हाल है। अगर रात में मोटा लंड चूत में ना लूँ तो कितना खाली खाली और सूना सूना लगता है। मेरे पति अंकित बहुत अच्छे है और काफी सेक्सी मर्द है। मेरी शादी होने से पहले अंकित अपनी कॉलेज की गर्लफ्रेड्स की रोज चूत मारते थे।
    फ्रेंड्स वो बहुत प्यारे पति है और मेरा बड़ा ख्याल रखते है। रोज मुझे नाईट में चोदते है। 1, 2 3 बार। मेरे से रोज पूछते है "अम्बालिका!! तेरा मन भरा की नही?? अगर तुझे और चुदाना है तो बोल??" मैं उनसे हर तरह से खुश रहती हूँ। मेरे पति अंकित को लंड चुस्वाना बहुत अच्छा लगता है। चुदाई से पहले वो मेरे से रिक्वेस्ट करके अपना लंड चुस्वाते है। मैं हाथ से उनके 9 इंच मोटे लंड को फेट फेट कर खड़ा कर देती हूँ। अपने सेक्सी स्ट्राबेरी जैसे होंठों से लंड चूस चूस कर खड़ा करती हूँ। फिर अंकित मुझे तरह तरह के पेज में चोदते है।
    हम पति पत्नी की लाइफ बड़ी मस्त चल रही थी। मेरे पति बैंक में मनेजर थे और काफी पैसा कमाते थे। कुछ दिनों बाद अंकित की बैंक में एक नया लड़का आ गया। उसका नाम विक्रम था। पहले वो अजमेर वाली ब्रांच में नौकरी कर रहा था। पर अब उसका ट्रांसफर कर दिया गया था इसलिए उसे न चाहते हुए भी अलवर आना पड़ा। शुरू में उसे यहाँ जरा भी अच्छा नही लगता था। पर अंकित ने उसे तरह तरह से मोटीवेट किया और उसे शाम को हमारे घर ले आते थे।
    विक्रम अभी कुवारा था और बार बार अपने फेमिली को याद करता था। अंकित ने उससे कहा की हम भी उसकी फेमिली जैसे है। धीरे धीरे विक्रम रोज की हमारे घर आ जाता। अंकित की तरह उसे नये नये पकवान खाने का बड़ा शौक था। मैं हर वीकेंड में सभी के लिए तरह तरह के पकवान बनाती थी। मुझे भी नॉन वेग व्यंजन खाना बहुत पसंद थे। रात में अंकित मेरे से कई तरह से सवाल करता था।
    "जान!! विक्रम तेरे को कैसा लगता है?? इसका लंड तो काफी मोटा होगा" अंकित मुझसे कहता
    "हाँ यार!! काफी गोरा चिकना मर्द है। कितना जवान है। बिलकुल ऋतिक रोशन लगता है। इससे चुदने वाली लड़की भी किस्मत वाली होगी" मैं बोलती
    "तू बोल तो तेरी गुलाबी चूत के लिए विक्रम के लंड का जुगाड़ करू??" अंकित कहता
    "कर दो जान!! मैं तो किसी भी लौड़े से चुदवा लुंगी अगर तुमको पसंद हो तो" मैं शरारत करके बोलती
    "तेरी चूत इतनी मस्त है की इसे नये नये लंड की सेवा मिलती रहनी चाहिए। चल मैं विक्रम से बात करता हूँ" अंकित बोला
    फ्रेंड्स उस रात मेरे पति अंकित ने मुझे विक्रम बनकर चोदा। मेरे को खूब मजा आया। कुछ दिनों तक मैं भी जब सेक्स करती अंकित को विक्रम समझती और चुदाई में अब जादा मजा आता। अब विक्रम को पटाना था। वीकेंड में फिर से अंकित ने उसे डिनर पर बुला लिया। विक्रम महरून इटेलियन सूट में था और टाई और रेड लेदर सूस में बिलकुल टॉम क्रूस दिख रहा था। मेरा तो उसे देखते ही चुदने का दिल करने लगा। मैंने उस दिन कट स्लीव वाला गोल्डन कलर का ब्लाउस पहना था। ये ब्लाउस का कपड़ा अलग तरह का था और सोने की तरह चमक रहा था। मेरा दूधिया बदन मेरे ब्लाउस से साफ़ साफ दिख रहा था।
    विक्रम के आते ही मैं अंकित के साथ ही उसके सामने जा बैठी और उससे हलो हाय करने लगी। अब विक्रम बार बार मेरे सफ़ेद जिस्म को ताड़ने लगा। आज विशेष रूप से मैंने ऐसे कपड़े पहने थे जिससे विक्रम पट जाए और आज ही मुझे चोद डाले। आगे से साड़ी का पल्लू मैंने जान बूझकर हटा दिया जिससे विक्रम मेरे भरे पूरे चुदासे जिस्म को अच्छे से देख सके और उसका मूड बन जाए। मेरा फिगर 38 30 36 का था। अंकित चूत के साथ साथ मेरी गांड भी रोज चोदते थे जिससे मेरे चूचे बड़े बड़े हो गये थे और गांड भी काफी चौड़ी हो गयी थी। हम तीनो बात करने लगे।
    "भाभी!! आपकी काफी तो बहुत अच्छी है" विक्रम बोला चुस्की लेते हुए बोला
    "सब तुम्हारे लिए ही है" मैंने कहा
    "तुम तो जवान हो। तुम्हे तो चूत की बड़ी तलब लगती होगी। किसी चूत का जुगाड़ वुगाड़ है की नही??" अंकित ने उससे पूछा
    विक्रम हंस पड़ा।
    "आप भी अंकित भैया। ये सब बाते आप एकांत में पूछना। भाभी के सामने नही" विक्रम बोला
    "अरे तू भी न! तेरी भाभी बड़ी खुली हुई औरत है। सेक्स और चूत चुदाई की बाते खुलकर करती है। तुम संकोच मत करो" अंकित ने बोला
    "क्या बताऊ अंकित भैया। अलवर आये 4 महीने हो गये है पर कही चूत का जुगाड़ नही हो पाया है। कभी कभी मुठ मारकर काम चला लेता हूँ" विक्रम संकोच करके बोला
    "अपनी भाभी को चोदेगा?? बोल??" अंकित ने बोला
    विक्रम की बोलती बंद हो गयी। मेरी तरफ अलग नजरों से देखने लगा। मैं समझ गयी थी अब क्या करना है। मैं उठकर विक्रम के पास चली गयी।
    "तुम बहुत हैडसम मर्द हो। मेरे को बिलकुल टॉम क्रूस दीखते हो। अगर तुम्हे मेरी चूत मारनी है तो बोल दो। अंकित कुछ नही बोलेगा। वो भी बहुत सेक्सी मर्द है" मैंने कहा और विक्रम के गोद में जा बैठी और उसकी पेंट के उपर से उसके लंड को पकड़ने की कोशिश करने लगी। मेरा पति अंकित हंसने लगा। विक्रम "ओह्ह माँ..ओह्ह माँ.उ उ उ उ उ..अअअअअ आआआआ.." करने लगा। उसको मजा आने लगा। वो काफी पी रहा था। पर मैं बीच में कूद पड़ी। मजबूरन उसे अपना काफी मग नीचे टेबल पर रखना पड़ा। मैं उपर से उसके लंड को पकड़कर घिसने लगी और विक्रम के गालो पर किस करने लगी। वो मना नही कर सका। कुछ ही देर में उसका 10" लम्बा लंड टनटना गया और जाग गया। पेंट के उपर से बाहर तम्बू की तरह बाहर निकल आया।
    "भाभी!! क्या सच में मैं तुमको चोद सकता हूँ?? कही ये कोई सपना तो नही??" विक्रम आश्चर्य से बोला। मैं किसी रंडी की तरह हँसने लगी क्यूंकि इससे पहले भी मेरा पति अंकित मेरे लिए बाहरी लंड का कई बार जुगाड़ कर चूका था। उसे मुझे बार बार गैर मर्दों से चुदवाने में मजा आता था।
    "हाँ हाँ यार!! तू आज मेरे साथ ही मेरी बीबी को चोद। उसके बाद हम तीनो डिनर करेंगे" अंकित बोला
    उसके बाद तो सब कुछ सेट हो गया। विक्रम आराम से सोफे पर पसर गया और पीछे की तरफ टेक लगाकर लेट गया। मैं तो जोश में आ गयी। मैंने फौरन उसकी पेंट की चेन नीचे खींची। उनके लौड़े को अंडरवियर से बाहर निकाला और हाथ में लेकर जल्दी जल्दी फेटने लगी। फ्रेंड्स जैसा मेरा को भरोसा था विक्रम का लंड भी उसकी तरह से खूब गोरा था। 10" लम्बा और 2" चौड़ा लौड़ा था उसका। मेरे पति से भी जादा बड़ा। मैं लालच करने लगी और जल्दी जल्दी लौड़े को फेटने लगी। विक्रम मुंह खोलकर "ओहह्ह्ह.ओह्ह्ह्ह.अह्हह्हह.अई..अई. .अई. उ उ उ उ उ." करने लगा था। उसको मजा आ रहा था। उसने अपने पैर सोफे पर खोल दिए जिससे मैं अच्छी से उसके लंड को फेट सकूं। मुझे हमेशा से लम्बे तगड़े लंड पसंद है। मोटे लंड से चुदवाने का मजा अलग ही होता है। अब मैंने उसकी बेल्ट खोली और पेंट को खोल दिया और नीचे करवा दिया। अंडरवियर को नीचे किया और आराम से लंड चूसने लगी। मैं अपने काम पर लग गयी। मुंह में लेकर विक्रम जैसे हैंडसम मर्द का लंड चूसने लगी। वो अजीब अजीब सा मुंह बनाता था। उसकी सिसकियाँ बता रही थी उसे भरपूर मजा मिल रहा है।
    मेरे हाथ जल्दी जल्दी बिजली की रफ्तार से विक्रम के लंड पर दौड़ लगाने लगे। दोस्तों अब वो गर्म हो रहा था। अब उसका लंड और भी मोटा ताजा होता जा रहा था। कुछ देर मैंने चूस चूसकर उसे गर्म कर दिया।
    "तुम दोनों मजे करे। तब तब मैं आपकी झांटे बना लेता हूँ" अंकित बोला और अपने कपड़े उतार कर हम दोनों के सामने ही अपने लंड के अगल बगल की झांटे बनाने लगा।
    "भाभी!! तुम मस्त माल हो। आज मैं तुमको चोद चोदकर जिन्दगी के सारे सुख दे दूंगा" विक्रम बोला और मुझे अपने पास खींच लिया। मेरी कमर को उसने दोनों हाथो से पकड़ लिया और किस करने लगा। मैं भी मदहोश होने लगी। "विक्रम !! आई लव यू!! आई लव यू जान" मैं बोलने लगी। विक्रम अब पूरी तरफ से सेक्सी हो गया। मुझे सीने से चिपका लिया और सब जगह किस करने लगा। आज फिर से मैं किसी गैर मर्द का मोटा ताजा लंड खाने वाली थी। मुझे भी गैर मर्दों से चुदना अच्छा लगता था। विक्रम ने मेरे गाल, गले, कान, आँखों सब जगह चुम्मा लिया और चुम्मा की बारिश कर दी। बदले में मैंने भी उसे उसकी प्रेमिका की तरह खूब किस्सी दी। मैंने उसे खूब प्यार किया।
    विक्रम ने मुझे कसके अपने सीने में दबा लिया और मेरे ब्लाउस पर हाथ लगा लगाकर मेरे दूध दबाने लगा। मैं "आआआअह्हह्हह...ईईईईईईई..ओह्ह्ह्..अई. .अई..अई...अई..मम्मी.." करने लगी। विक्रम चुदासा मर्द हो गया। काफी देर तक उसने मेरे दूध ब्लौस के उपर से दबा दबाकर लाल कर दिए। फिर मेरे ब्लाउस की बटन खोलने लगा। उसे उतार अब मेरी ब्रा को दूध के साथ ही दबाने लगा। दोस्तों मेरे सफ़ेद चिकने जिस्म पर नीली रंग की ब्रा बड़ी सेक्सी दिख रही थी। विक्रम अपने हाथो से उपर से दबाने लगा, मैं कराहने लगी। फिर मैंने ही अपनी ब्रा का हुक निकाल दिया और विक्रम के मुंह में अपनी 38" की निपल्स लगा दी। वो बेताबी से मेरे को गोद में बिठाकर दूध दबा दबाकर चूसने लगा। वो मुंह में लेकर मेरे कबूतर चूसने लगा। मैं "..मम्मी.मम्मी...सी सी सी सी.. हा हा हा ...ऊऊऊ ..ऊँ. .ऊँ.ऊँ.उनहूँ उनहूँ.." करने लगी। विक्रम मुझे अपने से चिपका चिपकाकर मेरे कबूतर चूसने लगा। मेरी एक एक छाती बड़ी रसीली थी। विक्रम तो जैसे पागल हो गया था।
    "भाभी!! तुम किसी रम्भा मेनका से कम नही" वो बोला
    "पी लो आज मेरे दूध को। आज की रात तेरे नाम" मैंने कहा
    विक्रम ने मन भरकर मेरी दोनो बड़ी बड़ी चूचियों को मुंह में लेकर बारी बारी से चूसा। इस दौरान मैं किसी मोम की तरफ पिघल गयी और मेरी चूत अपना रस छोड़ने लगी। मेरी नीली पेंटी चूत से रस से भीग गयी। विक्रम से खूब चूसा मेरी जवानी को। अब हम तीनो ही बेडरूम में पहुच गये।
    "विक्रम!! मैं चाहता हूँ की आज तू मेरे साथ ही मेरी औरत को भोग लगाये। मैं इस साली की चूत में लंड डालता हूँ और तू इसकी गांड में लंड घुसा दे" मेरा पति अंकित बोला
    "आपका हुकुम सिर आँखों पर भैया!!" विक्रम बोला
    मैं अपने सारे कपड़े उतार कर बेड पर जा बैठी। विक्रम और अंकित दोनों कपड़े उतार कर मेरे सामने खड़े हो गये। दोनों अपने अपने लंड मेरे दोनों गालो पर रगड़ने लगे। दोनों मर्द हॉट और सेक्सी थे। मेरे पुरे चेहरे और आँखों में दोनों से अपने लंड को रगड़ना शुरू कर दिया। दोनों के लंड से रस निकल रहा था जो मेरे पूरे मुंह में लग रहा था किसी क्रीम की तरह।
    "चलो भाभी!! जल्दी से हम दोनों का लौड़ा चूसो" विक्रम बोला
    मैं दोनों के लंड फेटने लगी। 2 मिनट अंकित का लंड चूसती। फिर 2 मिनट विक्रम का। इस तरह का बड़ा एन्जॉय किया मैंने। अंकित तो मुझे रोज ही चोदता था पर आज विक्रम के लिए मेरा जिस्म एक नया खिलौना था। उसने अपने हाथो से मेरी चूचियों को बार बार मसल डाला। मैं चुदने को आतुर हो गयी। अब मेरा पति अंकित बेड पर लेट गया और मुझे अपने उपर लिटा लिया। मेरी चूत में अंकित ने अपना 9" लम्बा लौड़ा घुसा दिया। विक्रम अब मेरे उपर आ गया। कुछ देर तक मेरे 36" के चूतडो को हाथ से दबाता और सहलाता रहा। फिर उसने बड़े नाज से मेरे दोनों चुतड को हाथ से खोला और मेरी गांड के दर्शन करने लगा। पति अंकित ने मेरी गांड चोद चोदकर काफी चौड़ी कर दी थी।
    विक्रम पर वासना और सेक्स का भूत पूरी तरह से चढ़ गया। मेरी गांड का छेद अब भी कसा था। विक्रम सेक्सी होकर जल्दी जल्दी मेरी गांड चाटने लगा। मुझे अलग तरह का नशा होने लगा। मैं "...उई. .उई..उई...माँ..ओह्ह्ह्ह माँ..अहह्ह्ह्हह." करने लगी। विक्रम तो बड़ा ठरकी मर्द निकला। 15 मिनट उसने मेरी गांड चाट चाटकर चमका दी। अब उगली डालने लगा। मैं तो पागल होने लगी। काफी देर उस गांडू ने ऊँगली की। फिर लंड में थूक लगाकर मेरी गांड के छेद में घुसाने लगा।
    "आराम से विक्रम!! धीरे धीरे करो!!" मैं नखड़ा मारकर बोली
    विक्रम ने धक्का दिया और 6" लंड मेरी गांड में उतर गया। अब अंकित और विक्रम दोनों मेरे को चोदने लगे। मैं " हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ..ऊँ-ऊँ.ऊँ सी सी सी सी. हा हा हा.. ओ हो हो.." करने लगी क्यूंकि फ्रेंड्स 2 2 लंड एक साथ में खाना कोई आसान बात नही होती है। अंकित मेरे को चूत में चोद रहा था और उसका दोस्त विक्रम मेरे को गांड में फक कर रहा था। कुछ देर बाद तो दोनों ताल से ताल मिलाने लगे। जल्दी जल्दी मेरे को fuck करने लगे। मैं तो पूरी तरह से बांवली हुई जा रही थी। आँखें बंद करके दोनों का लंड खा रही थी। दोनों के लंड मेरे जिस्म में अंदर ही अंदर दो तलवार की तरफ आपस में लड़ जाते थे। धीरे धीरे दोनों मर्द अपनी अपनी मर्दानी साबित करने लगे। इस जंग में मैं पिसने लगी।
    मेरा पति अंकित कॉलेज के ज़माने से एक महान चोदू आदमी था। वो एक बार में 3 3 लौंडियाँ चोद सकता था। उधर विक्रम भी 27 साल का गबरू जवान मर्द था। वो अंकित से 19 नही था। उससे 21 ही आता था। इस तरह से दोनों मर्द ने मेरी चूत और गांड का बाजा बजा दिया। मैं "उ उ उ उ उ..अअअअअ आआआआ. सी सी सी सी... ऊँ-ऊँ.ऊँ.." करती रही। 30 मिनट बाद एक ब्रेक लिया और तीनो बाथरूम में बारी बारी जाकर मूत आये। अब विक्रम नीचे आ गया और मेरी चूत में लंड घुसा दिया। अब अंकित मेरी गांड में आ गया और दोनों चोदने लगे। इस बार भी दोनों मेरे छेद में टेस्ट मैच खेलने लगे और मुझे 40 मिनट चोदा। फिर दोनों ने पानी अपने अपने छेद में निकाल दिया। मैंने दोनों मर्दों के साथ रात में 3 4 मार रंगरलियाँ मनाई। अब अंकित का दोस्त विक्रम हर वीकेंड पर आकर अंकित के सामने ही मुझे चोदता है।
    आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के लिए नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पढ़ते रहना। आप स्टोरी को शेयर भी करना।

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